Thursday, May 2nd, 2024

भाजपा का बिल्ला रख नौकरी लेने वाले हिंदी विवि के अतिथि विद्वानो की सेवाएं समाप्त

यभोपाल।  

अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय से भारतीय जनता पार्टी का बिल रखकर नौकरी करने वाले 35 अतिथि विद्वानों को बर्खाश्त कर दिया गया है। वहीं 26 अतिथि विद्वानों की सूची तैयार की गई है, जिन्हें जरुरत होने पर 700 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिया जाएगा। अतिथि विद्वानों की विदाई होने के बाद अब विवि में प्रोफेसर के रूप में रेखा राय और भावना ठाकुर रह गई हैं। 

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा का बिल्ला रखकर नौकरी करने वालों के स्थानांतरण करने की योजना बना रखी है, लेकिन हिंदी विवि में तो भाजपा का बिल्ला लगाकर नौकरी लेने वाले अतिथि विद्वानों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। रजिस्ट्रार डॉॅ. बी भारती ने उनकी सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। उन्हें विदा करने की तैयारी लंबे समय चल रही थी। इसलिए अतिथि विद्वानों की दो तरह की सूची तैयार की गई हैं। एक सूची में सभी अतिथि विद्वानों को शामिल किया गया है। वहीं दूसरी सूची में 26 अतिथि विद्वानों को रखा गया है। दूसरी सूची में शामिल अतिथि विद्वानों को विवि जरुरत होने पर 700 रुपए प्रतिदिन के मानदेय पर कभी भी बुला सकता है। खासकर परीक्षाओं के दौरान। 

भाजपा सरकार ने स्थापित किया था हिंदी विवि 

भाजपा सरकार ने सात साल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से हिंदी विवि की स्थापना की थी। सात साल के सफर में विवि में कुलपति मोहनलाल छीपा और रामदेव भारद्वाज 18 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती नहीं कर पाएं हैं। रिक्त पदों पर उन्होंने भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोगों और उनके पारिवारिक सदस्यों को अतिथि विद्वानों के रूप में पदस्थ किया गया है। यही कारण हैं बाहर किए गए अतिथि विद्वानों के पास नियुक्ति आदेश तक नहीं थे। जबकि वे विवि के खाते से आनलाइन वेतन जरुर हासिल कर रहे हैं। 

दोबार होगी भर्ती 

अतिथि विद्वानों को बाहर करने के बाद हिंदी विवि आगामी सत्र में नया विज्ञापन जारी कर नई नियुक्ति करेगा। वर्तमान में आचार संहिता लगी हुई है। इसलिए विवि भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं कर सकता है,लेकिन आचार संहिता हटते ही शैक्षणिक व्यवस्था जमाने के लिए नये अतिथि विद्वानों को यूजीसी के मापदंडों के मुताबिक नियुक्त करेगा। 

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